तिमाही रिटर्न वाले व्यवहारियों पर टैक्स जमा कराने का दायित्व - नवीनतम जानकारी
तिमाही रिटर्न मासिक भुगतान (QRMP) स्कीम के तहत जीएसटीआर-1 एवं जीएसटीआर-3बी तो तिमाही आधार पर प्रस्तुत करनी होगी लेकिन उन्हे टैक्स मासिक आधार पर जमा कराना होगा। जब मासिक आधार पर टैक्स जमा कराना पड़ रहा है तो जाहिर है टैक्स की गणना भी करनी होगी। ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि जब हम टैक्स की गणना ही कर रहे है तो फिर रिटर्न भी प्रस्तुत कर देंगे। ऐसे में इस स्कीम का क्या फायदा हुआ। लेकिन ऐसा नहीं है। मासिक टैक्स जमा कराने के लिए इस स्कीम में अलग आप्शन दिये है जिसके चलते ऐसे करदाताओं को विस्तृत गणना करने की आवश्यकता नहीं है।
इस संबंध में अधिसूचना स. 85/2020 - सीटी दिनांक 10.11.2020 जारी की गई है जिसमें इस स्कीम का लाभ लेने वाले व्यवहारियों के लिए मासिक भुगतान की गणना करने की विधि बताई गई है।
इस अधिसूचना के अनुसार ऐसे व्यवहारी जो धारा 39(1) के प्रोविजो के तहत तिमाही आधार पर GSTR-3B प्रस्तुत करते हैं उन्हें 1 जनवरी 2021 से मासिक आधार पर तिमाही के पहले माह एवं दूसरे माह के लिए निम्न प्रकार टैक्स का भुगतान करना होगा—
(i) |
यदि रिटर्न तिमाही आधार पर प्रस्तुत की गई है तो पिछली तिमाही के कैश लेजर द्वारा भुगतान की गई राशि का 35 प्रतिशत। |
(ii) |
यदि रिटर्न मासिक आधार पर प्रस्तुत की गई है तो पिछली तिमाही के आखरी माह में केश लेजर द्वारा भुगतान की गई राशि। |
हालांकि निम्न मामलों में कोई राशि जमा कराने की आवश्यकता नहीं है:—
(i) |
तिमाही के पहले माह में यदि इलेक्ट्रोनिक केश लेजर एवं इलेक्ट्रोनिक क्रेडिट लेजर में मिलाकर उस माह के कर दायित्व के बराबर राशि जमा हो या उस माह में कर दायित्व शून्य हो। |
(ii) |
तिमाही के दूसरे माह में यदि इलेक्ट्रोनिक कैश लेजर एवं इलेक्ट्रोनिक क्रेडिट लेजर में मिलाकर राशि दोनों माह के कर दायित्व के बराबर हो या दोनों माह में कर दायित्व शून्य हो। |
(iii) |
यदि किसी व्यवहारी ने उस माह से पहले वाली टैक्स अवधि की रिटर्न प्रस्तुत नहीं की है तो वह इस स्कीम के लिए योग्य नहीं होगा। |
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